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Sensex Kya Hai in Hindi – 2025 में जानिए सेंसेक्स कैसे काम करता है?

Sensex Kya Hai in Hindi – 2025 में जानिए सेंसेक्स कैसे काम करता है?

शेयर बाजार की दुनिया जितनी आकर्षक है, उतनी ही मुश्किल भी है। जब कोई निवेशक शेयर बाजार में नया नया आता है, तो सबसे पहले एक शब्द बार-बार सुनने को मिलता है — Sensex। टीवी चैनल पर तेज़ी और गिरावट की चर्चा हो या अखबारों में निवेश से जुड़ी खबरें, Sensex हर जगह सुनने को मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Sensex Kya Hai, यह कैसे काम करता है और यह आपके निवेश से कैसे जुड़ा हुआ है?

सेंसेक्स भारतीय शेयर बाजार का एक मुख्य सूचकांक है, जिसे BSE यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें उन 30 प्रमुख कंपनियों को शामिल किया जाता है, जो अलग-अलग सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करती हैं और बाजार की दिशा तय करती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर ऊपर जाते हैं, तो सेंसेक्स भी ऊपर जाता है और जब ये शेयर गिरते हैं, तो सेंसेक्स भी नीचे आता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सेंसेक्स क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसकी गणना कैसे की जाती है और आप इसमें निवेश कैसे कर सकते हैं। अगर आप शेयर मार्केट में शुरुआत कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण और फायदेमंद साबित होगी।

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सेंसेक्स क्या है?

शेयर बाजार में सेंसेक्स ऐसा शब्द है, जिसे अक्सर सुना जाता है, लेकिन नए निवेशकों के लिए यह जानना बेहद ज़रूरी है, कि सेंसेक्स क्या होता है? Sensex, जिसे Sensitive Index कहा जाता है, भारत का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित शेयर बाजार BSE (Bombay Stock Exchange) का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स है। इसकी शुरुआत वर्ष 1986 में की गई थी ताकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को एक सरल और स्पष्ट रूप में दर्शाया जा सके।

सेंसेक्स में BSE की 30 सबसे बड़ी और वित्तीय रूप से मज़बूत कंपनियाँ शामिल होती हैं, जो अलग-अलग सेक्टर्स जैसे बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, आईटी, एफएमसीजी, फार्मा आदि की होती हैं। इन कंपनियों का चयन उनकी मार्केट वैल्यू, ट्रेडिंग वॉल्यूम और सेक्टर प्रतिनिधित्व जैसे मानकों के आधार पर किया जाता है। जब इन कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ती हैं, तो सेंसेक्स ऊपर जाता है और जब कीमतें गिरती हैं, तो सेंसेक्स भी नीचे आता है।

Sensex कैसे काम करता है?

सेंसेक्स का काम देखने में भले ही आसान लगे, लेकिन इसके पीछे एक बेहद सटीक और गणनात्मक प्रक्रिया होती है। इसे आप एक ऐसे सूचकांक की तरह समझ सकते हैं जो पूरे शेयर बाजार की चाल को दर्शाता है। जब भी कोई यह जानना चाहता है कि भारतीय शेयर बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे, तो सबसे पहले सेंसेक्स की दिशा देखी जाती है।

Sensex Kya Hai In Hindi

सेंसेक्स में BSE (Bombay Stock Exchange) की 30 सबसे बड़ी और एक्टिव कंपनियों को शामिल किया जाता है। ये कंपनियाँ अलग-अलग सेक्टर्स की होती हैं और बाजार का व्यापक प्रतिनिधित्व करती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर की कीमतें सामूहिक रूप से बढ़ती हैं, यानी अधिकतर कंपनियाँ अच्छा प्रदर्शन करती हैं, तो सेंसेक्स में तेजी आती है। इसके विपरीत, अगर इन कंपनियों की कीमतें गिरती हैं, तो सेंसेक्स भी गिरावट दर्शाता है।

इस इंडेक्स की गणना फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पद्धति से होती है, जिसमें केवल उन शेयरों को गिना जाता है जो आम निवेशकों द्वारा खुले बाजार में खरीदे-बेचे जा सकते हैं। यह तरीका सेंसेक्स को ज्यादा वास्तविक और विश्वसनीय बनाता है।

सेंसेक्स को वास्तविक समय में अपडेट किया जाता है, यानी बाजार में जैसे ही किसी कंपनी के शेयर का भाव बदलता है, सेंसेक्स की वैल्यू भी उसी हिसाब से ऊपर या नीचे होती रहती है। निवेशक इस उतार-चढ़ाव को देखकर यह अंदाजा लगाते हैं कि बाजार ऊपर की दिशा में जाएगा या नीचे की दिशा में, और उसी आधार पर वे अपने निवेश से जुड़े फैसले लेते हैं।

सेंसेक्स में निवेश कैसे करें?

सेंसेक्स में निवेश करने के लिए आपको यह समझना होगा कि यह खुद ट्रेड होने वाला शेयर नहीं है, बल्कि एक सूचकांक है जो बाजार की दिशा दिखाता है। इसलिए इसमें प्रत्यक्ष निवेश संभव नहीं है, लेकिन आप सेंसेक्स-आधारित वित्तीय संसाधनों के जरिए इसमें आसानी से निवेश कर सकते हैं।

सबसे सरल तरीका है Index Mutual Funds, जो सेंसेक्स की 30 कंपनियों की स्थिति को ट्रैक करते हैं। इनमें निवेश करके आप कम लागत में डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो पा सकते हैं। दूसरा विकल्प है ETFs (Exchange Traded Funds), जिन्हें आप स्टॉक की तरह खरीद-बेच सकते हैं। ये रियल टाइम प्राइस पर ट्रेड होते हैं और लिक्विडिटी के लिहाज़ से बेहतर माने जाते हैं।

इसके अलावा, अगर आप चाहें तो सेंसेक्स में शामिल किसी भी व्यक्तिगत कंपनी के शेयर खरीदकर उस इंडेक्स के प्रदर्शन से जुड़ सकते हैं, लेकिन यह तरीका अपेक्षाकृत अधिक जोखिमपूर्ण होता है क्योंकि यह डाइवर्सिफाइड नहीं होता।

सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है?

सेंसेक्स की गणना एक विशेष तरीके से की जाती है जिसे Free-Float Market Capitalization Method कहा जाता है। इस पद्धति में किसी कंपनी के केवल उन्हीं शेयरों को गिना जाता है जो आम निवेशकों के लिए बाजार में खरीद-बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं। यानी कंपनी के प्रमोटर या सरकारी हिस्सेदारी जैसे स्टेक को इसमें शामिल नहीं किया जाता।

आइए अब इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं।

मान लीजिए किसी कंपनी के कुल शेयरों की संख्या 10 लाख है, लेकिन इनमें से 6 लाख शेयर ही बाजार में ट्रेड हो रहे हैं — तो Free-Float के अनुसार सिर्फ इन 6 लाख शेयरों की वैल्यू ही सेंसेक्स की गणना में मानी जाएगी। इसी तरह, सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों के Free-Float Market Cap को जोड़ा जाता है।

फॉर्मूला इस प्रकार है।

सेंसेक्स = (30 कंपनियों का फ्री-फ्लोट मार्केट कैप / मूल मार्केट कैप) × मूल इंडेक्स वैल्यू

यहाँ

  • Base Year: 1978-79
  • Base Index Value: 100

इसका मतलब अगर सेंसेक्स आज 60,000 पर है, तो इन 30 कंपनियों की संयुक्त वैल्यू 1979 के मुकाबले 600 गुना बढ़ चुकी है।

इस गणना विधि से सेंसेक्स बाजार की वास्तविक स्थिति को बेहतर ढंग से दर्शाता है, क्योंकि इसमें केवल उन्हीं शेयरों को गिना जाता है जिनमें रोज़ाना खरीद-बिक्री होती है। इससे यह इंडेक्स निवेशकों के लिए अधिक प्रासंगिक और विश्वसनीय बनता है।

सेंसेक्स को प्रभावित करने वाले कारक

सेंसेक्स एक संवेदनशील इंडेक्स है, जो कई तरह के आर्थिक, राजनीतिक और भावनात्मक कारकों से प्रभावित होता है। इसका उतार-चढ़ाव केवल कंपनियों के प्रदर्शन पर ही निर्भर नहीं करता, बल्कि देश और दुनिया में घटने वाली कई घटनाएं इसकी दिशा को बदल सकती हैं।

Sensex
  1. आर्थिक आंकड़े 
  2. सरकारी नीतियाँ और बजट
  3. वैश्विक घटनाएँ
  4. कॉर्पोरेट प्रदर्शन
  5. निवेशक भावना और निवेश प्रवाह

इन सभी कारकों का सामूहिक प्रभाव सेंसेक्स की दिशा को तय करता है। यही कारण है कि इसे Sensitive Index कहा जाता है, क्योंकि यह हर छोटे-बड़े बदलाव पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है। एक समझदार निवेशक के लिए इन फैक्टर्स को समझना जरूरी है ताकि वो सही समय पर सही निर्णय ले सके।

निष्कर्ष

अब तक आपने जाना कि सेंसेक्स क्या है, यह कैसे काम करता है, इसकी गणना कैसे होती है और इसमें निवेश कैसे किया जा सकता है। इसके अलावा आपने यह भी समझा कि किन-किन कारकों का असर सेंसेक्स की चाल पर पड़ता है।

अगर आप एक नए निवेशक हैं, तो सेंसेक्स को समझना आपके निवेश के फैसलों को मज़बूत और तार्किक बना सकता है। इसके जरिए आप बाजार की दिशा पहचान सकते हैं, जोखिमों का आंकलन कर सकते हैं और सही समय पर एंट्री या एग्ज़िट का निर्णय ले सकते हैं।

याद रखिए, निवेश केवल पैसे लगाने से नहीं, बल्कि सही जानकारी और सही समझ से सफल होता है। और सेंसेक्स इस समझ की नींव है। चाहे आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हों या सीधे स्टॉक्स में, सेंसेक्स की चाल को समझना आपके लिए हमेशा फायदेमंद रहेगा।

इसलिए अगली बार जब आप टीवी पर या न्यूज में सेंसेक्स का उतार-चढ़ाव देखें, तो जाने की उसके पीछे की वजह क्या है — और तय करें कि आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो में क्या कदम उठाना है।

डिस्क्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। यह किसी भी प्रकार की वित्तीय, निवेश या ट्रेडिंग सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, इसलिए किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें और प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। 

लेख में दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, लेकिन इसकी सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं दी जाती। इस जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय की जिम्मेदारी पूर्णतः पाठक की होगी। Share Market Guruji या लेखक किसी भी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. क्या सेंसेक्स में सीधे निवेश किया जा सकता है?

नहीं, सेंसेक्स एक इंडेक्स है, न कि कोई शेयर। आप इसमें सीधे निवेश नहीं कर सकते, लेकिन Index Mutual Funds या ETFs के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है।


2. सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?

सेंसेक्स BSE (Bombay Stock Exchange) का इंडेक्स है, जिसमें 30 कंपनियाँ शामिल होती हैं। वहीं निफ्टी NSE (National Stock Exchange) का इंडेक्स है, जिसमें 50 कंपनियाँ होती हैं।


3. सेंसेक्स किन कंपनियों पर आधारित होता है?

सेंसेक्स में BSE की टॉप 30 कंपनियाँ शामिल होती हैं जो मार्केट कैप, लिक्विडिटी और सेक्टर प्रतिनिधित्व के आधार पर चुनी जाती हैं।


4. क्या सेंसेक्स में गिरावट का मतलब है कि सभी शेयर गिर रहे हैं?

नहीं, सेंसेक्स केवल 30 कंपनियों पर आधारित होता है। बाकी कंपनियाँ अलग व्यवहार कर सकती हैं। यह सिर्फ समग्र बाजार भावना का संकेत देता है।


5. सेंसेक्स की चाल को देखकर निवेश का फैसला लेना सही है?

सेंसेक्स एक मार्केट सूचकांक है, लेकिन निवेश का निर्णय केवल इसी पर निर्भर नहीं होना चाहिए। सही निर्णय के लिए फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस भी ज़रूरी है।

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