Best Indicator for Option Trading – Pro Traders किस Tool से करते हैं पैसा Double?

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Best Indicator for Option Trading – Pro Traders किस Tool से करते हैं पैसा Double?

परिचय

आज के समय में ट्रेडिंग केवल स्टॉक्स तक ही सीमित नहीं है। ऑप्शन ट्रेडिंग ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है, खासकर उन ट्रेडर्स के बीच जो कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा फाइनेंशियल डेरिवेटिव है, जिसमें आप किसी स्टॉक या इंडेक्स के भाव में होने वाली हलचल पर ट्रेड करते है – वो भी बिना उस स्टॉक को खरीदे। लेकिन जहां मुनाफे की संभावना ज्यादा होती है, वहां रिस्क भी अधिक होता है। ऐसे में बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना और सही समय पर एंट्री व एग्ज़िट लेना बेहद जरूरी हो जाता है।

यहीं पर टेक्निकल इंडिकेटर्स बहुत सहायता करते हैं। ये इंडिकेटर्स प्राइस मूवमेंट, वॉल्यूम, ट्रेंड स्ट्रेंथ और मार्केट मोमेंटम जैसे कई महत्वपूर्ण संकेतों को समझने में मदद करते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है – Option Trading के लिए Best Indicator कौन-सा है? क्योंकि बहुत सारे इंडिकेटर्स मौजूद हैं, और हर एक का अपना तरीका होता है।

इस लेख में हम उन्हीं इंडिकेटर्स की बात करेंगे जो खासतौर पर Best Indicator for Option Trading माने जाते हैं। चाहे आप Intraday Option Trader हों या Swing Trader, यह जानकारी आपको ट्रेडिंग निर्णय लेने में आत्मविश्वास प्रदान करेगी। साथ ही, हम यह भी समझेंगे कि इन इंडिकेटर्स को कैसे उपयोग करें ताकि अधिक सटीक और Profitable ट्रेड किए जा सकें।

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1. RSI (Relative Strength Index)

RSI (Relative Strength Index) एक पॉपुलर टेक्निकल इंडिकेटर है जो यह बताने में मदद करता है कि कोई स्टॉक या इंडेक्स अभी Overbought स्थिति में है या Oversold। यह इंडिकेटर 0 से 100 के बीच के स्केल पर चलता है और ट्रेडर्स को यह समझने में मदद करता है कि मार्केट में कौन-सी दिशा में मोमेंटम बन रहा है।

RSI (Relative Strength Index)

RSI कैसे काम करता है?

  • जब RSI का वैल्यू 70 या उससे ऊपर होता है, तो उसे Overbought Zone कहा जाता है। इसका मतलब है कि प्राइस में अब गिरावट आ सकती है या करेक्शन संभव है।
  • जब RSI का वैल्यू 30 या उससे नीचे होता है, तो उसे Oversold Zone कहा जाता है। इसका मतलब है कि प्राइस में तेजी आने की संभावना है।

ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए उपयोगिता

RSI को Option Trading में इस्तेमाल करना एक स्मार्ट मूव साबित हो सकता है, खासकर जब आप Intraday या Short-Term ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हों। इसका मुख्य फायदा यह है कि यह आपको Call और Put ऑप्शन में एंट्री के लिए स्पष्ट संकेत देता है

  • जब RSI 30 से नीचे हो और स्टॉक किसी मजबूत सपोर्ट लेवल पर हो, तो आप Call Option खरीद सकते हैं क्योंकि तेजी की संभावना बन रही है।
  • जब RSI 70 से ऊपर हो और प्राइस किसी रेजिस्टेंस लेवल पर हो, तो यह एक अच्छा मौका हो सकता है Put Option खरीदने का, क्योंकि गिरावट आ सकती है।

2. MACD (Moving Average Convergence Divergence)

MACD (Moving Average Convergence Divergence) एक पावरफुल टेक्निकल इंडिकेटर है जो मार्केट के ट्रेंड को पकड़ने और ट्रेंड रिवर्सल की पहचान करने में बेहद मददगार होता है। यह इंडिकेटर दो Exponential Moving Averages (EMAs) — एक तेज़ (12-EMA) और एक धीमी (26-EMA) के बीच के अंतर को दर्शाता है।

MACD (Moving Average Convergence Divergence)

MACD कैसे काम करता है?

MACD में तीन मुख्य घटक होते हैं

  1. MACD Line – 12-EMA और 26-EMA के बीच का अंतर
  2. Signal Line – MACD लाइन का 9 EMA
  3. Histogram – MACD और Signal Line के बीच का अंतर, जो Momentum दिखाता है

जब

  • MACD Line ऊपर की ओर Signal Line को क्रॉस करती है, यह एक Bullish Signal होता है
  • MACD Line नीचे की ओर Signal Line को क्रॉस करती है, यह एक Bearish Signal होता है

ऑप्शन ट्रेडिंग में MACD का उपयोग

MACD इंडिकेटर ऑप्शन ट्रेडिंग में ट्रेंड की दिशा को पकड़ने के लिए सबसे अच्छा टूल माना जाता है।

  • अगर MACD से बुलिश क्रॉसओवर मिलता है और प्राइस एक मजबूत सपोर्ट पर है, तो यह Call Option खरीदने का अच्छा मौका हो सकता है।
  • अगर बियरिश क्रॉसओवर दिख रहा है और प्राइस Resistance को छू चुका है, तो यह Put Option लेने का अच्छा समय हो सकता है।

MACD से यह भी पता चलता है कि किसी ट्रेंड में मजबूती है या नहीं। अगर Histogram लंबा होता जा रहा है, तो यह Momentum में तेजी का संकेत है।

3. Bollinger Band

Bollinger Band एक प्रसिद्ध टेक्निकल इंडिकेटर है जो यह बताता है कि मार्केट की वोलैटिलिटी (Volatility) बढ़ रही है या घट रही है। यह इंडिकेटर तीन लाइनों से मिलकर बना होता है

Bollinger Band
  • एक Middle Band (Simple Moving Average – SMA)
  • एक Upper Band (SMA + वोलैटिलिटी)
  • एक Lower Band (SMA – वोलैटिलिटी)

इन बैंड्स की चौड़ाई से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि प्राइस का मूवमेंट तेज है या धीरे हो रहा है।

Bollinger Bands कैसे काम करता है?

  • जब बैंड्स सिकुड़ते हैं, तो यह Low Volatility को दर्शाता है। इसका मतलब है कि एक बड़ा मूव आने वाला है – जिसे Breakout कहते हैं।
  • जब बैंड्स फैलते हैं, तो यह High Volatility को दर्शाता है – यानी मार्केट में बड़ा प्राइस मूवमेंट हो रहा है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में Bollinger Bands का उपयोग

Option Trading में वोलैटिलिटी सबसे बड़ा हथियार होता है, और Bollinger Band उसी वोलैटिलिटी को मापने में मदद करता है।

  • जब प्राइस Upper Band के पास होता है और RSI भी Overbought दिखाता है, तो यह Put Option लेने का अच्छा मौका हो सकता है।
  • जब प्राइस Lower Band के पास होता है और RSI Oversold हो, तो यह Call Option खरीदने का संकेत हो सकता है।

Bollinger Bands Strategy for Option Trading में आप ब्रेकआउट ट्रेड्स को पहचान सकते हैं और सही समय पर एंट्री कर सकते हैं।

4. Moving Averages (EMA – Exponential Moving Average)

EMA (Exponential Moving Average) एक लोकप्रिय इंडिकेटर है जो प्राइस मूवमेंट का Smooth और Focused व्यू दिखाता है। खासकर ऑप्शन ट्रेडिंग में 9-EMA और 21-EMA सबसे ज़्यादा उपयोगी माने जाते हैं। यह इंडिकेटर ट्रेंड की दिशा और ट्रेडिंग के एंट्री/एग्जिट प्वाइंट्स को पहचानने में मदद करता है।

Moving Averages (EMA – Exponential Moving Average)

EMA कैसे काम करता है?

EMA पुराने डेटा की तुलना में वर्तमान के प्राइस को ज्यादा तवज्जो देता है, जिससे यह तेजी से ट्रेंड को पकड़ लेता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में यह बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें छोटे मूवमेंट भी महत्वपूर्ण होते हैं।

EMA Crossover Strategy for Option Trading

  • जब 9-EMA21-EMA को ऊपर की तरफ क्रॉस करता है, तो यह Bullish Crossover होता है, इस समय यह Call Option खरीदने का संकेत देता है।
  • जब 9-EMA21-EMA को नीचे की ओर क्रॉस करता है, तो यह Bearish Crossover होता है, इस समय यह Put Option खरीदने का संकेत देता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में EMA का उपयोग

  • Intraday Option Traders EMA का उपयोग तेजी से बदलते ट्रेंड को पहचानने में करते हैं।
  • इसे RSI या MACD जैसे अन्य इंडिकेटर्स के साथ मिलाकर आप फॉल्स सिग्नल से बच सकते हैं।
  • जब प्राइस EMA के ऊपर बना रहता है, तो यह स्ट्रॉन्ग अपट्रेंड का संकेत देता है।
  • जब प्राइस EMA के नीचे बना रहता है, तो यह डाउनट्रेंड का संकेत देता है।

5. VWAP (Volume Weighted Average Price)

VWAP (वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस) एक ऐसा टेक्निकल इंडिकेटर है जो न सिर्फ प्राइस मूवमेंट को, बल्कि वॉल्यूम को भी ध्यान में रखता है। यह ट्रेडिंग सेशन के दौरान स्टॉक या इंडेक्स की औसत कीमत को दर्शाता है, जिसमें हर ट्रेड के पीछे की वॉल्यूम को महत्व दिया जाता है।

VWAP (Volume Weighted Average Price)

VWAP कैसे काम करता है?

VWAP = (Price × Volume) / Total Volume

यह गणना पूरे दिन के ट्रेड्स के आधार पर की जाती है और लगातार अपडेट होती रहती है। इसलिए, यह इंडिकेटर इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में VWAP का उपयोग

  • जब स्टॉक का प्राइस VWAP के ऊपर ट्रेड कर रहा होता है, तो इसका मतलब है कि खरीददार एक्टिव हैं, और यह Call Option खरीदने का संकेत देता है।
  • जब स्टॉक का प्राइस VWAP के नीचे होता है, तो इसका मतलब है कि बिकवाली का दबाव है, और यह Put Option खरीदने का संकेत देता है।

VWAP के मुख्य फायदे

  1. बाजार की औसत स्थिति बताता है – VWAP यह दर्शाता है कि वर्तमान प्राइस सस्ती है या महंगी।
  2. Intraday Entry और Exit के लिए सटीक पॉइंट देता है
  3. Institutional Traders भी VWAP को एक बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल करते हैं ताकि वो प्राइस को ज्यादा न बिगाड़ें।
  4. Call और Put दोनों के लिए रणनीति बनाने में मदद करता है, खासकर जब VWAP के पास ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होता है।

VWAP Strategy for Intraday Options

  • अगर प्राइस VWAP को ऊपर से नीचे क्रॉस करता है, तो यह Bearish Signal होता है, इस समय यह Put Option खरीदने का संकेत देता है।
  • अगर प्राइस VWAP को नीचे से ऊपर क्रॉस करता है, तो यह Bullish Signal होता है, इस समय यह Call Option खरीदने का संकेत देता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे बढ़िया इंडिकेटर कौन-सा है?

Option Trading में सफल होने के लिए सही समय पर एंट्री और एग्जिट लेना बहुत जरूरी है। इसके लिए टेक्निकल इंडिकेटर्स आपकी मदद करते हैं — चाहे आप Scalping कर रहे हों, Intraday Trading कर रहे हों या फिर Swing Trading।

Best Indicator for Option Trading

यहाँ दो सबसे पावरफुल कॉम्बिनेशन बताए जा रहे हैं, जो Best Indicator for Option Trading है।

1. VWAP + RSI (Scalping और Intraday के लिए बेस्ट)

VWAP (Volume Weighted Average Price)

VWAP दिनभर के औसत ट्रेडिंग प्राइस को दर्शाता है, जो वॉल्यूम के साथ जुड़ा होता है।
प्रभाव: VWAP दिखाता है कि वर्तमान की कीमत सस्ती है या महंगी।

RSI (Relative Strength Index)

RSI यह बताता है कि कोई स्टॉक या इंडेक्स Overbought (RSI > 70) है या Oversold (RSI < 30) तो नहीं है।

VWAP + RSI Strategy

  • RSI 30 के करीब है और प्राइस VWAP के ऊपर जा रहा है → Call Option खरीदे
  • RSI 70 के ऊपर है और प्राइस VWAP के नीचे गिर रहा है → Put Option खरीदे

यह कॉम्बिनेशन तेजी से मूवमेंट पकड़ने और सटीक Entry-Exit के लिए बेस्ट है।

2. MACD + EMA (Swing Traders के लिए बेस्ट कॉम्बिनेशन)

MACD (Moving Average Convergence Divergence)

MACD ट्रेंड में बदलाव का संकेत देता है – जब लाइनें क्रॉस होती हैं, तो ट्रेंड बदलने वाला होता है।

EMA (Exponential Moving Average – 9 और 21 Days)

EMA प्राइस मूवमेंट को Smooth करता है और ट्रेंड फॉलो करने में मदद करता है।

MACD + EMA Strategy

  • जब MACD लाइन Signal लाइन को ऊपर की ओर क्रॉस करे और प्राइस 21-EMA से ऊपर हो, तब Call Option खरीदे
  • जब MACD लाइन नीचे जाए और प्राइस 21-EMA से नीचे हो, तब Put Option खरीदे

Swing Traders के लिए यह कॉम्बिनेशन मजबूत ट्रेंड पकड़ने में बेहद फायदेमंद है।

इंडिकेटर चुनते समय ध्यान रखने योग्य जरूरी टिप्स

Option Trading में सही इंडिकेटर का चुनाव ही आपकी सफलता की कुंजी हो सकता है। लेकिन कई बार ज्यादा इंडिकेटर एकसाथ इस्तेमाल करने से उलझन पैदा हो जाती है। इसलिए ट्रेडिंग को सिंपल और प्रभावी बनाने के लिए नीचे दिए गए टिप्स को जरूर अपनाएं

इंडिकेटर चुनते समय ध्यान रखने योग्य जरूरी टिप्स

1. कम लेकिन असरदार इंडिकेटर चुनें

ज्यादा इंडिकेटर का मतलब ज्यादा कंफ्यूजन। 4–5 इंडिकेटर इस्तेमाल करने की बजाय सिर्फ 1 या 2 इंडिकेटर का उपयोग करे जिन्हें आप अच्छे से समझते हों।

उदाहरण: VWAP + RSI (Intraday Trading के लिए), या MACD + EMA (Swing Trading के लिए)

2. हर इंडिकेटर को गहराई से समझें

इंडिकेटर को बस सेट करके इस्तेमाल न करें, बल्कि उसके पीछे का लॉजिक, फॉर्मूला और व्यवहार समझें। इससे आप फेक सिग्नल्स से बच सकेंगे और ट्रेंड को सही से पकड़ पाएंगे।

3. Candlestick Pattern के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें

टेक्निकल इंडिकेटर तभी अच्छे से काम करते हैं जब आप उन्हें Candlestick Patterns जैसे कि Doji, Hammer, Engulfing आदि के साथ मिलाकर उपयोग करें।

4. Price Action को नज़रअंदाज़ न करें

Price Action, यानि कि Price की चाल और Structure, आपको बताता है कि Buyers और Sellers क्या सोच रहे हैं।
इंडिकेटर तभी सटीक सिग्नल देंगे जब आप उन्हें Price Action के संदर्भ में देखें।

5. Backtesting और Practice करें

Live Market में कूदने से पहले अपने चुने हुए इंडिकेटर्स को Chart पर Backtest करें और Demat Account में Virtual या Small Position से प्रैक्टिस करें।

निष्कर्ष

ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता के लिए केवल एक इंडिकेटर पर निर्भर रहना सही नहीं होता। RSI जैसे इंडिकेटर आपको बताते हैं कब स्टॉक ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थिति में है, जिससे सही समय पर खरीदने या बेचने का मौका मिलता है। MACD ट्रेंड में बदलाव की जानकारी देकर सही एंट्री और एग्जिट के संकेत देता है, जो ट्रेडिंग को आसान बनाता है।

Bollinger Bands से बाजार की वोलैटिलिटी का पता चलता है, जो ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सही अवसर खोजने में मदद करता है। EMA आपको शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म ट्रेंड समझने में मदद करता है, जबकि VWAP इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए बेस्ट है, जो औसत वॉल्यूम प्राइस के आधार पर प्राइस मूवमेंट को सही तरीके से समझाता है।

लेकिन केवल Technical Indicators पर भरोसा करना काफी नहीं है। कैन्डलस्टिक पैटर्न, प्राइस एक्शन और मार्केट न्यूज के साथ इन्हें मिलाकर इस्तेमाल करें। सही रणनीति, संयम और अनुभव के साथ ही आप ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता पा सकते हैं।

इसलिए, ज्यादा इंडिकेटर्स के झमेले में न फंसें। दो-तीन भरोसेमंद इंडिकेटर्स को गहराई से समझें और उनका  इस्तेमाल अच्छे से करें। यही तरीका आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में बेहतर और स्थायी मुनाफा दिलाएगा।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी साझा करने के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे निवेश या ट्रेडिंग सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। ऑप्शन ट्रेडिंग और शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ आता है, जिसमें पूंजी का नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, कोई भी निवेश या ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार, निवेश विशेषज्ञ या किसी अनुभवी पेशेवर से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

इस वेबसाइट पर दी गई जानकारियां, विश्लेषण और सुझाव व्यक्तिगत अनुभव और बाजार की वर्तमान स्थिति पर आधारित हो सकते हैं, जो भविष्य में बदल भी सकते हैं। हम किसी भी प्रकार के नुकसान या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे जो इस जानकारी के उपयोग से हो सकते हैं।

आपकी सफलता आपके ज्ञान, समझ, अनुभव और सही निर्णय पर निर्भर करती है। कृपया समझदारी और सावधानी से निवेश करें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडिकेटर कौन सा है?

ऑप्शन ट्रेडिंग में कई इंडिकेटर उपयोगी होते हैं, लेकिन VWAP और RSI का कॉम्बिनेशन सबसे बेहतर माना जाता है। VWAP खासकर इंट्राडे ट्रेडिंग में सही एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट देने में मदद करता है, जबकि RSI बताता है कि स्टॉक ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थिति में है या नहीं। इससे आप सही समय पर कॉल या पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं।

Q2. क्या केवल एक इंडिकेटर से ऑप्शन ट्रेडिंग संभव है?

हाँ, यदि आप उस इंडिकेटर को पूरी तरह समझते हैं और उसका सही इस्तेमाल करते हैं, तो एक इंडिकेटर से भी ऑप्शन ट्रेडिंग संभव है। लेकिन शुरुआत में एक से ज्यादा इंडिकेटर का इस्तेमाल करना बेहतर होता है ताकि आप ज्यादा विश्वसनीय सिग्नल पा सकें।

Q3. क्या इंडिकेटर 100% सही संकेत देते हैं?

नहीं, कोई भी इंडिकेटर 100% सही संकेत नहीं देता। इंडिकेटर बाजार की संभावनाओं और ट्रेंड्स को दिखाते हैं, लेकिन मार्केट की अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है। इसलिए ट्रेडिंग में हमेशा रिस्क मैनेजमेंट का ध्यान रखना जरूरी है और बिना पूरी जानकारी के ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

Q4. ऑप्शन ट्रेडिंग में प्राइस एक्शन जरूरी है या इंडिकेटर?

दोनों ही बहुत जरूरी हैं। इंडिकेटर तकनीकी सिग्नल देते हैं, लेकिन प्राइस एक्शन आपको बाजार की असली चाल समझने में मदद करता है। प्राइस एक्शन से आप ट्रेडिंग के लिए मजबूत एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट्स पहचान सकते हैं, जो इंडिकेटर के साथ मिलकर आपकी सफलता बढ़ाते हैं।

Q5. क्या नए ट्रेडर को इंडिकेटर से शुरुआत करनी चाहिए?

हाँ, नए ट्रेडर के लिए सरल और समझने में आसान इंडिकेटर जैसे RSI और VWAP से शुरुआत करना सबसे अच्छा होता है। इससे वे बाजार के मूवमेंट को समझ पाएंगे और धीरे-धीरे अनुभव के साथ अन्य इंडिकेटर और तकनीकों को सीख सकते हैं।

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