ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें – 95% Traders यही गलतियाँ करते हैं, आप मत कीजिए
1. परिचय
अगर आपको लगता है कि शेयर बाजार सिर्फ अमीर लोगो के लिए है — तो फिर से सोचिए। क्योकि आज के समय में आम आदमी भी ऑप्शन ट्रेडिंग की मदद से कम पैसे निवेश करके लाखो रुपये कमाने की सोच रहा है। लेकिन रुकिए — अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि, ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?, तो इस लेख में आप ऑप्शन ट्रेडिंग को शुरू से लेकर एडवांस लेवल तक सीखने वाले हो। ऑप्शन ट्रेडिंग सिर्फ ट्रेडिंग नहीं है, यह एक सोच है, एक रणनीति है, और थोड़ी बहुत साइकोलॉजी भी।
ऑप्शन ट्रेडिंग वो तरीका है जहां आप बिना किसी स्टॉक को खरीदे उसके भविष्य की कीमत पर दांव लगाते हैं। Call और Put Options आपको यह ताकत देते हैं कि कम पूंजी में भी आप सही दिशा पकड़कर मुनाफा कमा सकें। लेकिन यहां हर कदम पर रिस्क भी मौजूद है, और यही वजह है कि सीखना सबसे पहला और सबसे जरूरी कदम है।
अगर आप शुरुआत करना चाहते हैं, तो सबसे पहले ऑप्शन की बेसिक टर्म्स समझें — Strike Price, Premium, Expiry, और GREEKS जैसे Delta, Gamma, Theta क्या करते हैं? क्या होते है? इससे आपको समझ आएगा कि समय के साथ ऑप्शन की कीमत कैसे बदलती है और किन कारणों से आपका प्रॉफिट या लॉस होता है। ज़्यादातर लोग बिना इसे समझे ट्रेड करते हैं और वही सबसे बड़ी गलती करते हैं।
आज इंटरनेट की मदद से Option Trading सीखना बहुत आसान हो गया है। Zerodha Varsity, Sensibull, और Trading View जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आप ऑप्शन ट्रेडिंग का प्रैक्टिकल अभ्यास कर सकते हैं — वो भी बिना असली पैसे के। YouTube पर CA Rachana Ranade और Pranjal Kamra जैसे एक्सपर्ट्स इसे आसान भाषा में समझाते हैं। और सबसे जरूरी बात — शुरुआत हमेशा छोटे अमाउंट से करें, खुद से रिसर्च करें और किसी भी टिप पर आँख बंद करके भरोसा न करे।
खुद की रिसर्च ही ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता की कुंजी है। हर ट्रेड से पहले खुद सोचिए, समझिए और फिर फैसला लीजिए। ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसा वही कमाता है जो इसकी बारीकियों को पढ़ना जानता है — और इसके लिए लगातार सीखते रहना ज़रूरी है।
और अब जब आपने यहां तक पढ़ा है — तो समझ लीजिए आपने एक मजबूत शुरुआत कर दी है।
यह लेख आपको एक गाइड की तरह रास्ता दिखाएगा। आप चाहे स्टूडेंट हों, वर्किंग प्रोफेशनल या रिटायर्ड — अगर सही से सीखेंगे, तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए फाइनेंशियल ग्रोथ का नया दरवाज़ा खोल सकती है।
तो अब देरी किस बात की? इस लेख को पूरा पढ़िए, समझिए और शेयर बाजार की इस एडवांस दुनिया में अपने पहले कदम आत्मविश्वास के साथ बढ़ाइए।
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2. ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है?
ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर बाजार का एक ऐसा एडवांस टूल है, जिसमें आप किसी शेयर, इंडेक्स या एसेट को भविष्य में एक निर्धारित कीमत (Strike Price) पर खरीदने या बेचने का Contract खरीदते हैं — लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि आप उस Contract का इस्तेमाल करें। इसीलिए इसे Right, Not Obligation कहा जाता है।

इस ट्रेडिंग में आपको किसी शेयर को खरीदने के लिए पूरा पैसा लगाने की जरूरत नहीं होती — सिर्फ एक प्रीमियम अमाउंट देना होता है। अगर आपका अनुमान सही होता है, तो छोटा प्रीमियम बड़ा मुनाफा बना सकता है। और अगर अनुमान गलत हो गया, तो अधिकतम नुकसान सिर्फ वही प्रीमियम होगा।
ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं।
Call Option – जब आपको लगता है कि किसी शेयर की कीमत बढ़ेगी
Call Option आपको यह अधिकार देता है कि आप भविष्य में किसी शेयर को एक निश्चित कीमत पर खरीद सकें। अगर उस शेयर की कीमत बाज़ार में बढ़ जाती है, तो आप इस ऑप्शन को बेचकर अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
Put Option – जब आपको लगता है कि किसी शेयर की कीमत गिरेगी
Put Option आपको यह अधिकार देता है कि आप भविष्य में किसी शेयर को एक तय कीमत पर बेच सकें। अगर शेयर की कीमत गिरती है, तो इस ऑप्शन का मूल्य बढ़ता है, और आप मुनाफा कमा सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी होती है जो कम पूंजी में सीमित रिस्क के साथ ट्रेडिंग करना चाहते हैं। लेकिन ध्यान रहे — इसमें तकनीकी जानकारी, मार्केट ट्रेंड्स की समझ और स्ट्रैटेजी की ज़रूरत होती है। बिना तैयारी के ट्रेडिंग करना नुक़सानदेह हो सकता है।
3. ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
आज की डिजिटल दुनिया में ट्रेडिंग सिर्फ एक्सपर्ट्स तक सीमित नहीं रही। अब हर कोई मोबाइल से शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकता है — और उन्हीं में से एक आसान और ज्यादा मुनाफे वाला तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें ये सवाल उतना आसान नहीं है जितना सुनने में लगता है। क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग सिर्फ Call और Put खरीदने या बेचने का काम नहीं है — इसमें सही स्ट्रैटेजी, टाइमिंग, और डेटा का विश्लेषण भी ज़रूरी होता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में आप कम पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन इसमें High Risk होता है। इसलिए बिना सही गाइडेंस के शुरुआत करना एक बड़ा जोखिम बन सकता है। इसीलिए हमने इस लेख में उन सभी ज़रूरी स्टेप्स को आसान भाषा में समझाया है जो एक शुरुआत करने वाले को ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए चाहिए — जैसे बेसिक शब्दावली, वर्चुअल ट्रेडिंग, ग्रीक्स, टूल्स और स्ट्रैटेजी। हर पॉइंट के साथ आपको यह भी बताया जाएगा कि उसे कहां और कैसे अभ्यास करना है ताकि आप लाइव मार्केट में उतरने से पहले तैयार हो सकें।
1. बेसिक टर्म्स को समझें
ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में उतरने से पहले उसकी भाषा समझना जरूरी है। ये बिलकुल वैसे ही है जैसे ड्राइविंग सीखने से पहले गाड़ी के सभी Controls को समझना। ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े कुछ शब्द निम्न है।
- Strike Price: वह कीमत जिस पर आप भविष्य में शेयर खरीद/बेच सकते हैं।
- Premium: ऑप्शन खरीदने का दाम, यही आपका अधिकतम नुकसान हो सकता है।
- Expiry: ऑप्शन का अंत समय, यानी कब वो Contract ख़त्म होगा।
- Lot Size: ऑप्शन ट्रेड एक निश्चित यूनिट में होता है, जैसे Nifty में एक लॉट = 75 Units।
- ITM/ATM/OTM: ये बताते हैं कि आपका ऑप्शन अभी मुनाफे में है या नहीं।
इन टर्म्स को सीखना आपके निर्णय को सही और प्रोफेशनल बनाता है।
2. Virtual Trading से सीखने की शुरुआत करें
सीधे अपने पैसों को ट्रेडिंग में लगाने से पहले आपको एक सुरक्षित और जोखिम-मुक्त माहौल में अभ्यास करना चाहिए। Virtual Trading प्लेटफॉर्म्स इस काम में बहुत मददगार होते हैं। ये आपको रियल मार्केट डेटा पर ट्रेडिंग सिखाते हैं, लेकिन बिना पैसे लगाए।
भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स
- Money Bhai – शुरुआती लोगों के लिए बेस्ट
- Sensibull – Zerodha से लिंक्ड और प्रैक्टिकल इंटरफेस
- Opstra – डेटा एनालिसिस और पेपर ट्रेडिंग के लिए
इन प्लेटफॉर्म्स पर रोज़ाना अभ्यास करें और अपनी हर ट्रेडिंग Journey को बेहतर बनाये।
3. ऑप्शन ग्रीक्स को समझें
जब आपको थोड़ा अनुभव हो जाए उसके बाद, अगला कदम होता है Option Greeks को समझना। ये आपको बताते हैं कि ऑप्शन की कीमत किन-किन बातों से प्रभावित होती है।
- Delta: स्टॉक के मूवमेंट का ऑप्शन प्रीमियम पर असर
- Theta: समय बीतने पर ऑप्शन की वैल्यू में गिरावट
- Gamma: Delta में होने वाले बदलाव की रफ़्तार
- Vega: Market की Volatility का प्रभाव
इनकी मदद से आप यह समझ पाते हैं कि कब ऑप्शन खरीदना है और कब बेचना है।
4. Sensibull, Opstra जैसे स्मार्ट टूल्स का इस्तेमाल करें
आज के समय में स्मार्ट टूल्स का इस्तेमाल करना जरूरी है जो आपको डेटा और ट्रेंड्स की सही जानकारी देते है।
- Sensibull – ऑप्शन चेन, रिस्क एनालिसिस और Auto Strategy Builder
- Opstra – Open Interest, PCR, और Volatility डेटा के लिए बेहतरीन
- TradingView – लाइव चार्ट्स और इन्डिकेटर्स से आप सही Entry/Exit पकड़ सकते हैं
ये टूल्स आपके ट्रेडिंग डिसीजन को बेहतर और तेज़ बनाते हैं।
5. Option Buying vs Option Selling
शुरुआती ट्रेडर अक्सर Option Buying से शुरुआत करते हैं क्योंकि इसमें पूंजी कम लगती है और रिस्क लिमिटेड होता है। लेकिन Option Selling में सफलता दर अधिक होती है, लेकिन शर्त ये है कि आपको अच्छे से जोखिम प्रबंधन आता हो।
- Buying: कम पैसा, अनलिमिटेड प्रॉफिट, लेकिन सफलता दर कम (~30%)
- Selling: ज़्यादा पैसा, फिक्स प्रॉफिट, सफलता दर ज़्यादा (~60–70%)
एक सफल ट्रेडर बनने के लिए दोनों को समझना और सही समय पर इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है।
4. ऑप्शन ट्रेडिंग में Beginner की 5 आम गलतियाँ

1. बिना रिसर्च के ट्रेड करना
बहुत से नए ट्रेडर YouTube या WhatsApp ग्रुप्स से सुनी-सुनाई बातें लेकर सीधे Call या Put खरीद लेते हैं — बिना ये जाने कि कंपनी क्या करती है, मार्केट ट्रेंड क्या है, या उस दिन का मार्केट सेंटिमेंट कैसा है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में यह सबसे खतरनाक गलती है। बिना रिसर्च के किया गया कोई भी ट्रेड केवल अनुमान होता है, जो आपको मुनाफ़ा कम और नुकसान ज़्यादा देगा।
सही रिसर्च में शामिल है — ऑप्शन चेन पढ़ना, ओपन इंटरेस्ट समझना, और ट्रेंड के अनुसार स्ट्रैटेजी बनाना।
2. पूरी पूंजी एक ही ट्रेड में लगाना
नए ट्रेडर्स अक्सर जोश में आकर अपनी पूरी कैपिटल एक ही ट्रेड में लगा देते हैं। मान लीजिए आपके पास ₹10,000 हैं और आपने पूरा अमाउंट एक Call Option में लगा दिया — अगर वह ट्रेड विपरीत चला गया, तो आप पूरी पूंजी खो सकते हैं।
स्मार्ट निवेशक कभी भी अपनी पूंजी का 5–10% से ज़्यादा एक ट्रेड में नहीं लगाते। पूंजी बचाकर रखना इसलिए ज़रूरी है ताकि आप अगली बार गलती से सीखकर दोबारा कोशिश कर सकें और मुनाफा कमा सके।
3. Expiry Day पर बिना अनुभव ट्रेड करना
Expiry Day यानी हर हफ्ते के किसी दिन ऑप्शन के Contract का समय पूरा हो जाता है मतलब की वह Expire हो जाता है। उस दिन बाजार में ज़बरदस्त उतार-चढ़ाव और प्रीमियम में तेज़ गिरावट होती है। कई नए ट्रेडर इस हाई वोलाटिलिटी के चक्कर में फंसकर बड़ी पूंजी गवां बैठते हैं।
Expiry Day पर ऑप्शन का Theta (Time Decay) बहुत तेज़ी से काम करता है — यानी प्रीमियम मिनटों में खत्म हो सकता है।
अगर आप शुरुआत कर रहे है, तो Expiry Trading से दूर रहें या वर्चुअल ट्रेडिंग से पहले अभ्यास करें।
4. केवल WhatsApp/Telegram ग्रुप्स के भरोसे ट्रेड करना
आजकल हजारों Telegram ग्रुप्स फ्री टिप्स और 100% गारंटीड प्रॉफिट के नाम पर ऑप्शन ट्रेडिंग की सलाह देते हैं। नए लोग इनपर भरोसा कर Blind Entry ले लेते हैं — बिना खुद सोचे या रिसर्च किए।
लेकिन ये ग्रुप्स कई बार Pump and Dump स्कीम्स चलाते हैं, जिससे फायदा सिर्फ ग्रुप एडमिन को होता है, बाकी सभी घाटे में रहते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए सिर्फ भरोसेमंद सोर्स चुनें, जैसे – CA Rachana, Pranjal Kamra, Sensibull Blog, या Share Market Guruji की वेबसाइट।
5. Risk Management न अपनाना
ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे ज़रूरी है — Risk को Control करना। लेकिन नए ट्रेडर्स अक्सर Stop Loss नहीं लगाते, Position Sizing नहीं करते और Overtrade करने लगते हैं।
एक सफल ट्रेडर वही है जो पहले Loss को Manage करना जानता है, फिर Profit कमाता है।
हमेशा एक Risk-Reward Ratio तय करें (जैसे 1:2 या 1:3), हर ट्रेड में Stop Loss लगाएं और कभी भी Emotional Trading न करें।
5. निष्कर्ष
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना शुरू में थोड़ा टेक्निकल और चुनौतीपूर्ण ज़रूर लग सकता है, लेकिन जब आप इसे सही दिशा, मजबूत फाउंडेशन और Step-By-Step, Share Market Guruji की वेबसाइट पर सीखते है — तो यह एक बेहद फायदेमंद स्किल बन जाती है। ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें इस सवाल का जवाब सिर्फ किताबों या वीडियो से नहीं, बल्कि लगातार प्रैक्टिस, सही रिसर्च और अपने ट्रेडिंग बिहेवियर को समझकर मिलता है।
ऑप्शन मार्केट में कामयाबी का रास्ता शॉर्टकट से नहीं, बल्कि सही स्ट्रैटेजी, Risk Management और मानसिक अनुशासन से होकर गुजरता है। अगर आप जल्दबाज़ी या दूसरों के भरोसे ट्रेड करेंगे, तो नुकसान तय है। लेकिन अगर आपने Virtual Trading से शुरुआत की, बेसिक टर्म्स और Greeks को समझा, और खुद रिसर्च करना सीखा — तो यकीन मानिए, आप इस फील्ड में लंबी रेस के खिलाड़ी बन सकते हैं।
शुरुआती गलतियों से डरें नहीं, बल्कि उनसे सीखें। हर गलत ट्रेड आपके अनुभव का हिस्सा है। ध्यान रखें, ऑप्शन ट्रेडिंग में कमाई उन्हीं को मिलती है जो सीखने में समय देते हैं।
याद रखें
पैसा कमाने से पहले सीखना ज़रूरी है — और जो लोग सच में सीखते हैं, वही इसमें लंबे समय तक टिकते हैं।
अब आपकी बारी है — आज से ही छोटे कदम लीजिए, Virtual Trading से शुरुआत कीजिए, और ऑप्शन ट्रेडिंग को समझदारी के साथ सीखिए। आप चाहें तो ₹0 से भी इसकी प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं, लेकिन आपने जो सीखा है, उसे आजमाना मत भूलिए।
यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे पूरा पढ़ें, अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसको फॉलो करें — क्योंकि आगे हम और भी एडवांस ऑप्शन स्ट्रैटेजीज़ को आसान भाषा में समझाएंगे।
6. Disclaimer
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी भी प्रकार की निवेश सलाह न माना जाए। ऑप्शन ट्रेडिंग एक उच्च जोखिम वाला निवेश विकल्प है, जिसमें पूंजी हानि की संभावना होती है। किसी भी निवेश से पहले अपनी रिस्क प्रोफाइल को समझें और यदि संभव हो तो SEBI-Registered सलाहकार से संपर्क करें।
यहाँ बताए गए टूल्स, ऐप्स या चैनल्स केवल उदाहरण हैं — उपयोग से पहले अपनी जांच ज़रूर करें। इस लेख की जानकारी पर आधारित किसी भी निर्णय के लिए लेखक या वेबसाइट उत्तरदायी नहीं होगी।
निवेश से पहले खुद रिसर्च करें। बाजार जोखिमों के अधीन है।
7. FAQs – ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
1. ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है?
ऑप्शन ट्रेडिंग एक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें आपको भविष्य की एक तय कीमत पर किसी शेयर को खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है। इसमें Call और Put ऑप्शन्स होते हैं, जो आपको कीमत बढ़ने या घटने पर मुनाफा कमाने का मौका देते हैं।
2. ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
शुरुआती लोग YouTube चैनल्स, Blogs (जैसे Sensibull, Groww), और वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स (Money Bhai, Opstra) से सीख सकते हैं। पहले बेसिक टर्म्स और स्ट्रैटेजी समझें, फिर धीरे-धीरे लाइव मार्केट में छोटी रकम से शुरुआत करें।
3. क्या ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान होता है?
हाँ, ऑप्शन ट्रेडिंग में हाई रिस्क होता है, खासकर अगर बिना रिसर्च के ट्रेड किया जाए। सही Risk Management और रणनीति के बिना आपको पूंजी हानि का सामना करना पड़ सकता है।
4. ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कौन-से टूल्स सबसे अच्छे हैं?
Sensibull, Opstra, Trading View और Zerodha Kite ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बेहतरीन टूल्स हैं जो ऑप्शन चेन, स्ट्रैटेजी बिल्डर, चार्ट्स और ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस जैसे फीचर्स देते हैं।
5. ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए कितनी पूंजी चाहिए?
शुरुआत में आप ₹500 से ₹1000 तक की छोटी पूंजी से Option Buying कर सकते हैं। Option Selling के लिए ज्यादा मार्जिन और पूंजी की ज़रूरत होती है, इसलिए पहले Buying से शुरुआत करें।